दिल की नज़र से....

दिल की नज़र से....
(चेतावनी- इस ब्लॉग के सर्वाधिकार (कॉपीराइट) ब्लॉग के संचालनकर्ता और लेखक वैभव आनन्द के पास सुरक्षित है।)

शनिवार, 13 अक्तूबर 2012

अधूरे से हैं हम भी...


बड़ी दुश्वारियां हैं, 
एक सीधी राह चलने में,
                                    तुम्हारे आह भरने में, 
                                    हमारे सांस लेने में.
मगर तुम ये नहीं मानोगी,
 की हम  भी प्यार करते हैं,
                                   बड़ी उम्मीद से हर बार, 
                                   ये इकरार करते हैं,
  है अब भी वक़्त, 
  गर तुम समझ पाओ,
                                  अधूरे से हैं हम भी, 
                                 और अधूरे तुम भी हो लेकिन, 
 यही है प्रश्न, इसका हल, 
 हम कहाँ से ले आये?

सोमवार, 8 अक्तूबर 2012

नहीं आया

हमको हवाओं के संग बहाना नहीं आया

हमको कश्ती को चुपचाप खेना नहीं आया,

वो सब आ गया जो गुनाह था, 

उनकी नज़र में,

मगर उनके पैमानों पे कभी तुलना नहीं आया...

इबादतों की इन्तेहाँ...

मेरी इबादतों की इन्तेहाँ तो देखो,
मीलों दूर से उनकी आहठ समझ लेता हूँ...

है ये इश्क नहीं फिर भी चलो यूं ही,
तुम्हारे कहने पे इसे इश्क समझ लेता हूँ...

था जो सुकून तेरी बंदिशों में बाबस्ता,
उसी को सोच के आज भी सो लेता हूँ...