दिल की नज़र से....

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शुक्रवार, 11 जनवरी 2013

बाबुल से विदा...!


साथ तुम्हारा हाथ तुम्हारा और वादा जीवन भर का!

मांग तेरी सिन्दूर मेरा और सात वचन जीवन भर का!

सम्बन्ध तेरा बंधन मेरा और प्यार निभाना जीवन भर का! 

वादा मेरा कसमें तेरी और उन्हें परखना जीवन भर का! 

मेरी खुशियाँ और आंसूं तेरे बाबुल से विदा जीवन भर का......!

1 टिप्पणी:

saket ने कहा…

रोचक कविता,

वैभव सर,


कैसे है, आप । कहाँ पर है आजकल । शादी वादी हो गई । बहुत लगा इंटरनेट की दुनिया के सहारे आपसे मुखातिब होकर। अगर मुझे पहचान गए होंगे तो कृपया संपर्क करें या नंबर दें अच्छा लगेगा।
सादर,


साकेत सहाय
9609674973