दिल की नज़र से....

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गुरुवार, 4 फ़रवरी 2010

बन के आंसू

बन  के  आंसू  जो  गिरा  मैं , नज़र  से , ख़ाक  हुआ ...
और उनकी ज़रा सी आह पे, लाखों का जिगर चाक हुआ...

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