जवान लड़कियां
आती हैं
समाज में,
मर्दों पर,
एहसान के वास्ते,
लड़कियां भी,
ये समझती हैं,
बखूबी की वो,
कुछ अलग हैं,
लार टपकाते,
... कुत्तों के बीच,
दिखाती हैं,
अपनी अदायीं,
उन्हें,
मालूम होता है, कुत्तों की लार,
और,
अपनी सफलता के बीच के,
रिश्तों की कहानी,
का सच,
आदिम कुत्ते,
सौंप देते हैं,
अपनी सत्ता,
लड़कियों के,
हाथो में,
आसानी से,
चुपचाप,
लड़कियां,
ऊपर उठ जाती हैं,
और इतरा के,
कहती हैं,
'ये मेरी उपलब्धि है'...
कुत्ते,
लार टपकाते-टपकाते, एक दिन,
मर जाते हैं,
निहायत ही 'कुत्ते की मौत'.....
निहायत ही 'कुत्ते की मौत'.....