बदनाम बस्ती...!
क्यों कोसते हो शहर की बदनाम गलियों को, यहां हर मोड़ पर एक "बदनाम बस्ती" है...
दिल की नज़र से....
(चेतावनी- इस ब्लॉग के सर्वाधिकार (कॉपीराइट) ब्लॉग के संचालनकर्ता और लेखक वैभव आनन्द के पास सुरक्षित है।)
सोमवार, 8 अक्तूबर 2012
नहीं आया
हमको
हवाओं के संग
बहाना नहीं आया
हमको
कश्ती को चुपचाप खेना नहीं आया,
वो सब आ गया
जो गुनाह था,
उनकी नज़र में,
मगर उनके पैमानों पे कभी तुलना नहीं आया...
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