दिल की नज़र से....

दिल की नज़र से....
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शनिवार, 30 जुलाई 2016

इक पल न लगा....

मुद्दतें लगीं तेरी         नज़र-ए-इनायत पाने में
तुझे इक पल ना लगा मुझे नज़रों से गिराने में


सवाल था       उम्र भर साथ निभाने का
तू तो बिखर गया एक रिश्ता निभाने में


तेरी आदत कुछ इस क़दर मुझपे तारी थी...
अब तलक उलझा हूं, तलाक लफ्ज़ के मायने में

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